रशी की स्टोरी

भारत में इलेक्ट्रिक स्कूटर और ईबाइक की सदस्यता लेकर, डिकार्बन डिलीवरी को आसान बनाना
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में परिवहन को बढ़ावा देने के लिए एक खास रास्ता चुना. उन्होंने कहा कि 2030 तक, वाहनों की कुल बिक्री का 65% हिस्सा इलेक्ट्रिक वाहनों से आएगा. इस ज़्यादातर बड़े लक्ष्य में, बड़े पैमाने पर ऐसे इलेक्ट्रिक दोपहिया स्कूटर और तीन पहिए वाले ऑटो रिक्शा अपनाए जाते हैं जो देश की शहरी सड़कों पर सबसे ज़्यादा दिखते हैं. दुनिया के सबसे कम निजी मालिकाना हक वाले वाहनों में से एक, अमेरिका में 980 की तुलना में 1,000 में रहने वाले लोगों की संख्या, यूरोप में 850, और चीन के लिए भारत में 164. परिवहन से जुड़े नियमों को ध्यान में रखते हुए, ई-बाइक और स्कूटर से मुंबई से बेंगलुरु तक की मीलों तक डिलीवरी की जाएगी. Zypp Electric के को-फ़ाउंडर और सीईओ आकाश गुप्ता कहते हैं, “आपके पास देश के आखिरी मील के हिस्से को इलेक्ट्रिक बनने के लिए शिफ़्ट करने का बहुत बड़ा मौका है.” “हमारा लक्ष्य पिछले मील की डिलीवरी और मोबिलिटी को इलेक्ट्रिक में बदलना है.” ज़्यादा पढ़ें.
-- आकाश गुप्ता
सह-संस्थापक और सीईओ, Zypp Electric

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