लिज़ा की कहानी

Google Earth Engine GDE लीज़ा गोल्डबर्ग जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए तकनीक का इस्तेमाल करती हैं
लिज़ा गोल्डबर्ग ने Google Earth Engine की मदद से चौदह साल की उम्र में कोडिंग करना सीखा. जब वह नासा में शिक्षिका थीं, तब उन्होंने इस टूल की मदद से पर्यावरण में हो रहे बदलावों को लेकर दुनिया भर के रुझानों को समझने में मदद की. लिज़ा, नासा में बिना कोडिंग या रिमोट सेंसिंग के अनुभव के पहुंची थीं. इसी वजह से उन्हें धीरे-धीरे इस प्लैटफ़ॉर्म की विशेषज्ञता मिली. इसका श्रेय उन्हें मिलने वाली मेंटॉरशिप, Google ट्रेनिंग, और Google Earth Engine डेवलपर समुदाय की मदद से मिला. तथ्य यह है कि Google Earth इंजन को वैज्ञानिकों के लिए बनाया गया है. यह पूरी दुनिया पर असर डालता है और यह जलवायु परिवर्तन से निपटने की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने की लीज़ा की प्रतिबद्धता के मुताबिक है. वह कहती हैं, “Earth Engine ने मुझे हर पंक्ति में कोड लिखने की सुविधा दी, क्योंकि मुझे पता था कि मेरा एल्गोरिदम जलवायु पर नज़र रखने की प्रक्रिया में वाकई बदलाव कर सकता है.” Earth Engine के विज़ुअलाइज़ेशन पर आधारित इंटरफ़ेस ने मुझे दिखाया कि कोडिंग आसान, डेटा पर फ़ोकस करने वाली, और जलवायु विज्ञान के सभी क्षेत्रों पर बेहद असरदार हो सकती है. "ज़्यादा पढ़ें.
-- लिज़ा गोल्डबर्ग
GDE, Earth इंजन

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